लाइफ के अलग अलग स्टेज पर किस किस प्रकार करना चाहिए सेविंग? और कहां करें निवेश?

आज मैं आपको बताऊंगा लाइफ के अलग अलग स्टेज पर किस किस प्रकार करना चाहिए सेविंग? और कहां करें निवेश? यदि आप भी भविष्य के लिए अच्छा खासा बैकअप चाहते है, तो इस लेख को आखिर तक जरूर पढ़ें। 

आम तौर पर मानव जीवन में मुख्य रूप से निवेश के चार चरण होते हैं – करियर की शुरुआत, शादी, बच्चा और फिर आखिर में रिटायरमेंट का चरण। इन चरणों में से सभी व्यक्तियों के साथ जिम्मेदारियों और कर्तव्यों का एक सेट भी होता है।

इसलिए लाइफ स्टेज के हिसाब से सेविंग और इन्वेस्टमेंट बहुत ही जरूरी है। तो चलिए अब जानते हैं लाइफ के अलग अलग स्टेज पर किस प्रकार करना चाहिए सेविंग? और कहां करें निवेश? लेकिन इसकी शुरुआत हम Life Stage Saving से करेंगे।

लाइफ स्टेज सेविंग (Life Stage Saving): 

बचत एक ऐसा चीज है जिसे हर भारतीय परिवार अपनाना चाहता है, कई परिवार इसे अपना लेते है तो कई सिर्फ कोशिश करते रह जाते है। यदि हम बचत के नियमों का पालन सख्ती से करें तो यह हमारे दैनिक दिनचर्या में आसानी से शामिल हो जाता है।

एक बार बचत की लत लग गई तो समझो कुछ वर्षों बाद जो चीज आप सपने में देखते हो वो चीज आपके पास मौजूद होगी। अनजाने में ही सही मगर हम में से कुछ लोग उस पसंदीदा खिलौने या खेल या घड़ी या मोबाइल फोन या लक्सुरी कार या सपनों के घर चाहे जो कुछ भी हो उसके लिए बचत करने लग जाते है।

बचत की इस शैली को Life Stage Saving के रूप में परिभाषित करना गलत नहीं होगा। जब एक बार हम बचत करना शुरू कर देते हैं, तो हमारा दूसरा कदम निवेश होना चाहिए। इसलिए निवेश को Life Stage Saving के रूप में भी जाना जाता है।

ये इन्वेस्टमेंट स्टाइल लाइफ के कई अलग अलग स्टेज में निवेश का एक अच्छा परिणाम है। मोटे तौर पर मानव जीवन में इसके (निवेश) के चार चरण होते हैं- करियर की शुरुआत, शादी, बच्चा (Child or Parenthood) और रिटायरमेंट का चरण।

लेकिन इसमें कई कारक ऐसे भी है जो इसमें प्रभाव डालते है, जिसके बार में हम आगे जानेंगे।

जीवन के अलग अलग स्टेज में निवेश पर प्रभाव डालने वाले कारक

जीवन के अलग अलग स्टेज में निवेश पर प्रभाव डालने वाले कारक निम्नलिखित है-

➡️ 1. उम्र

जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती जायेगी, आपके जोखिम से बचने की क्षमता भी बढ़ती जायेगी। यह बात बिल्कुल सही है कि युवा लोगों का झुकाव जोखिम लेने की ओर काफी अधिक होता है।

➡️ 2. डिस्पोजेबल इनकम

आपकी सभी आवश्यकताओं और जरूरतों को ध्यान में रखने के बाद इन्वेस्ट करने के लिए आपके पास जो इनकम होता है, उसे डिस्पोजेबल इनकम कहा जाता है। ये डिस्पोजेबल इनकम जीवन के अलग अलग चरणों में अलग अलग होते है, क्योंकि ये आश्रितों की संख्या, कुल इनकम इत्यादि से मूल रूप से प्रभावित होती है।

➡️ 3. सेविंग

बचत यानी की सेविंग सीधे निवेश को प्रभावित करती है। आप जितना अधिक बचाएंगै, उतना ही अधिक आप निवेश कर सकेंगे। यदि आप बचत ही कम कर रहे है तो आप निवेश भी कम करोगे।

➡️ 4. बाजार के रूझान 

जो कोई भी व्यक्ति निवेश करना चाहता है, उसके लिए बाजार की स्थिति पर गौर करना और विचार करना काफी महत्वपूर्ण कारक है। साथ ही, किसी देश की अर्थव्यवस्था भी इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

इन्वेटमेंट लाइफ स्टेज (Investment Life Stage):

दोस्तों मैने ऊपर बताया 4 कारक, जो हमारे लाइफ के अलग अलग स्टेज पर निवेश में प्रभाव डालते है। अब मै आपको बताऊंगा लाइफ स्टेज के मुताबिक निवेश के 4 व्यापक श्रेणियों के बारे में-

➡️ 1. करियर की शुरुआत

यह सभी के जीवन का सबसे रोमांचक और पुरस्कृत चरण होता है। हाथ में अच्छा वेतन, कम जिम्मेदारियां और जोखिम के लिए बड़ी भूख निवेश शुरू करने के लिए एक आदर्श संयोजन के रूप में कार्य करती है।

इस स्तर पर, कवर किए गए सभी खर्चों के आधार पर हम अपने वेतन से करीब 50 से 70% निवेश कर सकते हैं। इस स्तर पर सबसे ज्यादा काम आने वाला साधन इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग जिसे हम IPO के नाम से जानते है, इक्विटी फंड, रियल एस्टेट और इक्विटी हैं।

➡️ 2. शादी

एक बार जब आप अकेले रहकर अपने करियर के साथ समझौता करने में सफलता प्राप्त कर लेते हैं, तो उसके बाद का अगला चरण विवाह होता है। विवाह उत्साह और जोश से भरा हुआ एक मिश्रित थैला है, लेकिन ये अपने साथ बहुत सारी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों को भी लाता है।

जिम्मेदारियों के साथ कई प्रकार के खर्च आते हैं जो निवेश के स्तर को काफी कम करते हैं। चूंकि यह जीवन का एक इंपोर्टेंट चरण है और इसमें भविष्य की योजनाएं और वर्तमान में बसना शामिल है, इसलिए आपकी बहुत सारी इनकम उसी में निवेश की जाएगी।

इस स्टेज पर लोग अपनी इनकम का लगभग 30-40% निवेश के लिए save हैं। इस चरण के दौरान निवेशकों के लिए सबसे अच्छी सलाह यह है कि भले ही बचत और निवेश के राशि कम हो जाए, लेकिन यह छोटी राशि आपको भविष्य में काफी अधिक धन दे सकती है।

➡️ 3. बच्चा

जबकि आप दोनों अभी अभी ही शादी किए हो और नव निर्मित जीवन शैली का प्रबंधन कर रहे हो और अच्छा जीवन जी रहे हो, ऐसा में बच्चा हो जाए तो वह बच्चा इसमें 3-डी प्रभाव लाता है। सुख में वृद्धि तो होती ही है लेकिन इसके साथ आश्रितों की संख्या तथा व्यय में वृद्धि होती है।

जैसे-जैसे खुशी बढ़ते जाति है, वैसे-वैसे आश्रितों की संख्या भी बढ़ने लगती है, जिससे हाथ में Liquid Fund (लिक्विड फंड) की जरूरत को बढ़ाती है। साथ ही खर्च भी काफी तेजी से बढ़ता है। जीवन के इस चरण पर जोखिम से बचना आप धीरे धीरे शुरू कर सकते हैं।

इस लाइफ स्टेज पर अधिकतर लोग अपनी आय का सिर्फ 20-30% ही निवेश करते हैं। लेकिन जैसा कि मैंने पहले ही कहा, निवेश हमेशा करते रहें, भले ही आप कम निवेश करो लेकिन आने वाले समय पर यह आपको लगी अच्छा रिटर्न देगा। इस चरण पर सबसे उपयुक्त साधन PPF, फिक्स्ड डिपाजिट, डेट फंड, रेकररिंग डिपाजिट, पेंशन योजना इत्यादि हैं।

➡️ 4. रिटायरमेंट 

यह चौथा और आखिरी चरण है, इसमें आप अपने भूत काल में किए गए निवेशों में से अधिकांश का लाभ उठाते हो। रिटायरमेंट जीवन को बदल कर रख देने वाले सबसे बड़े चरणों में से एक है। रिटायरमेंट एक नियमित परिवर्तन के साथ आपके जीवन में आता है।

जो लगभग 30 – 40 वर्षों की सेवा में अभ्यस्त होजा ता है। इस स्टेज में इनकम के एक और नए स्रोत की भी जरूरत होती है जो की नियमित है। लोग अपनी इनकम का लगभग 10 से 15% कम रिस्क वाले उच्च तरलता वाले उपकरणों में इन्वेस्ट करते हैं।

इस स्टेज पर सबसे जरूरी साधन ओवरनाइट फंड, डाकघर मासिक योजना, लिक्विड फंड, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना आदि हैं।

Conclusion 

तो दोस्तों, उम्मीद करता हूं आपको यह लेख पसंद आया होगा, साथ ही इस पोस्ट से काफी कुछ सीखने को भी मिला होगा। इसमें मैने आपको बताया लाइफ के अलग अलग स्टेज पर किस प्रकार करना चाहिए सेविंग? और कहां करें निवेश?

अब आप अपने स्टेज के हिसाब से इन्वेटस्मेंट शुरू कर सकते हैं। आखिर में अब अलविदा कहने का वक्त आगया है, मैं आपसे कहना चाहूंगा कि इस लेख को अपने सभी दोस्तों और सभी Social Media Platform पर शेयर भी करें। ताकि अन्य लोगों को भी इसके बारे में जानकारी मिल सके।

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